भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में रायबरेली जिले का एक ऐतिहासिक क़स्बा। रायबरेली से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। नसीराबाद का नाम पहले पटाकपुर था। शियों के सबसे बड़े आलिमे दीन जनाब हज़रत गुफरान माब दिलदार अली नसीराबादी इसी कस्बे से ताल्लुक रखते हैं। पुराने काग़जात व मज़ामीन से ज़ाहिर होता है कि आबादी कस्बा नसीराबाद को 872 साल गुज़रे हैं।
नसीराबाद का जिला रायबरेली, तहसील सलोन, परगना रोखा और ब्लाक छतोह है। नसीराबाद पहले ग्राम सभा के तौर पर था जिसे बाद में 29 दिसंबर वर्ष 2016 में नगर पंचायत बनाया गया जिसमें 15 वार्ड हैं।
यातायतयहां बस के जरिये सीधे पहुंचा जा सकता है। जबकि नज़दीकी रेलवे स्टेशन छः किलोमीटर दूर जायस के नज़दीक कासिमपुर है। जहां से सड़क मार्ग के जरिये नसीराबाद पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन से कस्बे तक जाने के लिये टैम्पो व अन्य साधन के जरिये पहुंच सकते हैं।
शिक्षाआंकड़ों के अनुसार कस्बे का साक्षरता प्रतिशत औसतन 40% है। गांव में 48% पुरुष और 30% महिलायें साक्षर हैं। यहां एक सरकारी प्राइमरी पाठशाला, एक सरकारी जूनियर हाइस्कूल (बालक) और एक कन्या जूनियर हाइस्कूल है। इसके अलावा कुछ जूनियर हाइ स्कूल का जो कि 2018 में नाम बदल कर कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पड़ गया अभी तक गैर सरकारी विद्यालय भी चल रहे हैं।